खुशदीप सहगल की पोस्ट देखने के बाद बहुत निराशा हुयी कि वरिष्ठ ब्लोगर भी इस तरह की ओछी पोस्ट लिखते हैं. कई दिन से यह प्रश्न में था कि ब्लोग जगत का नायक यानी हीरो कौन है ? क्या अब ऐसे दिन आ गए हैं कि महफूज जैसे लोग ब्लोग जगत के हीरो कहलायेंगे ?
हीरो होने का क्या पैमाना होना चाहिए ?
क्या महिलाओं के ब्लोगों पर जाकर उनसे प्रेम पींगें बढ़ाना हीरोगिरी है ?क्या महिला ब्लोगरों के ब्लोगों पर जाकर खुलेआम I love you लिखना हीरोगिरी है ?
क्या अपने ब्लोग पर महिलाओं के बारे में यह लिखना हीरोगिरी है कि अब तक 300 महिलाओं को पटा चुके हैं ?
क्या जहां जाओ वहीं किसी न किसी महिला पर डोरे दाल लेना हीरोगिरी है ?
महफूज खुद लिखता है अपनी पोस्ट में किसी मोनिका के बारे में.
दूसरा इंसिडेंट हुआ यह कि पिछली पोस्ट लिखी थी एक्सिस बैंक के बारे में... तो एक्सिस बैंक में मोनिका नाम कि लड़की है... मुझे उसे अपनी कुछ डिटेल्ज़ मेल करनी थी... वो मैंने उसे कर दी... लेकिन हुआ क्या कि मैंने अपने जीमेल में सिग्नेचर में अपने ब्लॉग का लिंक दिया हुआ है... वो लिंक भी उसके पास चला गया... मैं एक्सिस बैंक मोनिका के चैंबर में पहुंचा दूसरे दिन ... तो मोनिका ने बहुत प्यार से मेरी धोयी ... वो भी बिना पानी के... उसने मेरा पहले बैंक का काम किया... फिर मुझसे मेरी हौबीज़ के बारे में बात करने लगी... मैंने बताया कि रीडिंग, राईटिंग और ट्रैवलिंग मेरी हौबी है... फिर उसने मुझसे लिट्रेचर पर भी बहुत सारी बातें की... डैन ब्राउन से लेकर ... प्रेमचंद, प्रेमचंद से लेकर मिल्टन जॉन, मिल्टन जॉन से गोर्की.. और भी बहुत सारी बातें... उसने सब्जेक्ट्स पर भी बातें की.. मैं बहुत इम्प्रेस्ड हुआ... और जब चलने को हुआ तो कहती है कि आपका ब्लॉग पढ़ा था... मेरा हाल ऐसा हुआ कि एयर-कंडीशंड कमरे में भी कान के पीछे से शर्म के मारे पसीना चू गया... मैं वापस बैठ गया... और आधे घंटे तक उसे दुनिया भर के एक्स्प्लैनैशन देता रहा ... मेरे यह समझ में आ गया.. कि कभी भी किसी लड़की को अंडर-एसटीमेट नहीं करना चाहिए... साला! यह सुपीरियरटी कॉम्प्लेक्स भी ना ... जो ना करा दे... मोनिका समझ गयी कि मैं अब अनिज़ी फील कर रहा हूँ... मैं वही सोचा कि बहुत बुरे तरह से मोनिका ने धो दी... लेकिन शाम में मोनिका का फ़ोन आया... हंस रही थी... .......उसने बहुत अच्छे से काम-डाउन किया... मैं जब बैंक से बाहर आया था... तो यह इंसिडेंट सबसे पहले अजित गुप्ता ममा को फ़ोन कर के बताया... ममा भी बहुत हंस रही थीं...
फिर वही मोनिका महफूज का गुणगान (?) करती फिरती है.
शुरुआत करता हूं अपने महफूज़ मियां से...जनाब ने लखनऊ के संजय गांधी पीजी मेडिकल कालेज के अस्पताल में भी अपना जलवा बिखेर रखा है...डॉक्टर्स को भी अपना मुरीद बना रखा है...एक युवा डॉक्टरनी साहिबा को तो खास तौर पर...खैर ये कहानी तो महफूज़ अपने आप ही सुनाएगा...आज मैं बात करूंगा महफूज़ के अंदर छिपे रजनीकांत की...अगर न्यूटन जिंदा होते और जिस तरह रजनीकांत को फिजीक्स के सारे रूल्स तोड़ते देख खुदकुशी कर लेते, कुछ ऐसा ही आलम महफूज़ मियां का है...
अगर यह सब हीरो होने की निशानियाँ हैं तो फिर सड़क छाप मजनू किसको कहते हैं ? आप स्वंय समझदार हैं.
महफूज हीरो नहीं जीरो है
ReplyDeletezero haen aur mentally retarded bhi tabhie too hamesha bachaa hun kehtey haen
ReplyDeleteमहफूज केवल महिलाओं के ब्लोगों पर ही उछल-कूद करता नजर आता है
ReplyDeleteसबसे पहले अजित गुप्ता ममा को फ़ोन कर के बताया... ममा भी बहुत हंस रही थीं...
ReplyDeleteunki aur bhi mamaa haen abhi koi naa koi aakar aap ko jaahdae gi aur unko puchhakaregi
केवल हिन्दू लड़कियों को पटाता है
ReplyDeleteयह क्यों नही लिखा
@Anonymous said...
ReplyDeleteसबसे पहले अजित गुप्ता ममा को फ़ोन कर के बताया... ममा भी बहुत हंस रही थीं...
अगर उसकी सगी मां होती तो हंसती नही
रजनीकांत का नाम तो बदनाम न करो
ReplyDeleteBehad Ghatiya character.
ReplyDeleteJis ne Gun-gaan kiya aur jinhone haami di sabhi kis lower standard ke log hain ,aap samajh hi sakte hain.
Inhin jaise kuch logon ki wajah se aaj hindi blogging badnaam ho rahi hai .
khuda khair kare.
Aap ne to link de kar in ki TRP badhane ka kaam kiya hai.Is post mein link kyun diye gaye?
ReplyDeleteगोस्वामी जी क्यों महफूज भाई के पीछे लग गये हैं आप.
ReplyDeleteकभी मौका मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आइये.
Monica Guleria--Ek Fake profile hai.
ReplyDeleteCheck kareeye.
Inka Ek blog hai jis par sirf ek kavitanuma rchna hai.
aur ye mohtramaa[nakali profile] sirf ek hi blog Lekhni [mahfooz]ki follower hain .
Aise aur na jaane kitne female profile honge jo Mahfooz ne apne support ke liye bana kar apne liye rkhe hue hain.
Aur in naamo par log yakin karte hain,kamaal hai!
सत्यवचन गुरुदेव
ReplyDelete"कबीरा तेरी झोंपड़ी गलकटियन के पास,
ReplyDeleteजो करेंगे सो भरेंगे, तू क्यों भये उदास"
आपके ब्लॉग का नाम देखकर याद आ गया, कभी ऐसा ही कुछ सुना था।
दोस्त, जिसने कहा और जिसे कहा गया, उन्हें ऐतराज नहीं तो आप ही क्यों परेशान हो रहे हैं? इन बातों के समर्थन में मैं भी नहीं हूँ, लेकिन फ़िर वही बात कि तीसरा कौन है ये सब कहने वाला?
और भी कुछ महत्वपूर्ण बातें होंगी, आप उनपर लिख सकते हैं।
एक सुझाव भर है, मानें तो ठीक नहीं तो ब्लॉग आपका है, आपकी ही मर्जी चलनी चाहिये। और ये स्वतंत्रता अपने अपने ब्लॉग के लिये सब को है, चाहे वो महफ़ूज़ हों या खुशदीप हों। हाँ, अशालीनता न हो तो अच्छा है।
वैसे अभी तक आपकी पोस्ट पर जितने भी कमेंट्स हैं, सभी anonymous हैं और हैरत है कि पढ़े जा सकने लायक हैं, उसके लिये एक धन्यवाद मेरी तरफ़ से टिप्पपणीकर्ता\ओं तक पहुंचे।
महफूज जैसा लोफर इस्लाम के नाम पर कलंक है
ReplyDeleteलग रहा है आप कुछ ज्यादा ही लिख गए ...क्या बुरा है अगर वो अपनी आपबीती लिख रहा है तो -- ब्लॉग्गिंग का ये भी एक पहलू है ...
ReplyDeletetere mein dam hai to I love u bol ke dikha.
ReplyDeleteमोनिका जैसी लड़कियों को बैंक इसलिए ही तो रखते हैं कि वे महफूज जैसे "ग्राहकों" को खुश रखें
ReplyDelete@Rahat
ReplyDeleteMonica Guleria--Ek Fake profile nahi he. hm bhi wahan jake aankhen senk aae hen
jay ho
@Anonymous
ReplyDeletetere mein dam hai to I love u bol ke dikha.
Are mahfooj me sahas he to muslim mahila blogar ko i love u bol ke dikhae. sala hindu ladkiyon ke peechhe hi dum hilata phirta he
@Ayesha Ali
ReplyDeleteमोनिका जैसी लड़कियों को बैंक इसलिए ही तो रखते हैं कि वे महफूज जैसे "ग्राहकों" को "खुश" रखें
महफूज खुद मोनिका के बारे में कहता है-
मैं एक्सिस बैंक मोनिका के चैंबर में पहुंचा दूसरे दिन ... तो मोनिका ने बहुत प्यार से मेरी धोयी ... वो भी बिना पानी के... उसने मेरा पहले बैंक का काम किया... फिर मुझसे मेरी हौबीज़ के बारे में बात करने लगी...
इसी से मोनिका का "करेक्टर" पता चलता है. मोनिका ने महफूज की क्या प्यार से क्या "चीज" धोयी. ह मत पूछना
मोनिका जैसी लड़कियों के साथ यह सब चलता है. महफूज जैसे कितनो की वो दिनभर या शायद रात में भी धोती होंगी. महफूज को लेकर उसकी टिपण्णी प्रमाणित करती है कि उसने महफूज का क्या-क्या धोया होगा ? महफूज का धन्यवाद. उसने "टाइम पास" का तरीका बता दिया. सोच रहा हूँ एक्सिस बैंक में खात खुलवा ही डालूँ
ReplyDelete@Tarkeshwar Giri
ReplyDeleteमैं किसी के पीछे नही लगा. महफूज किस-किसकी धोता है और मोनिका जैसी महिलाओं से क्या-क्या धुलवाता है ? इसमें मेरी कोई रुचि नही है. यहाँ बात हो रही है ब्लोग जगत के हीरो की. क्या महफूज जैसा कोई भी सड़कछाप ब्लोग जगत का हीरो हो सकता है ? यह प्रश्न है
@Anonymous
ReplyDeleteAap ne to link de kar in ki TRP badhane ka kaam kiya hai.Is post mein link kyun diye gaye?
लिंक देने का कारण कि लोग सत्य स्वयं देख लें
कहत कबीरा-सुन भई साधो said...
ReplyDelete@मो सम कौन ?
महफूज किस-किसकी धोता है और मोनिका जैसी महिलाओं से क्या-क्या धुलवाता है ? इसमें मेरी कोई रुचि नही है. यहाँ बात हो रही है ब्लोग जगत के हीरो की. क्या महफूज जैसा कोई भी सड़कछाप ब्लोग जगत का हीरो हो सकता है ? यह प्रश्न है
बेनामी टिप्पणियों में अत्यधिक अश्लील थीं, जिनको हटा दिया गया है.
@Ayesha Ali
ReplyDeleteमोनिका जैसी लड़कियों को बैंक इसलिए ही तो रखते हैं कि वे महफूज जैसे "ग्राहकों" को खुश रखें
महफूज स्वयं को बहुत सुन्दर समझता है. लगता है सुन्दर लड़के उसने देखे नही
ReplyDeleteab to axis bank jana hi padega
ReplyDeletekya monika hmari bhi pyaaaaaaaaaaaaar se dhoyegiiiiii
ReplyDeleteयहाँ लोग खुद ही हीरो बन जाया करते हैं.
ReplyDeleteमोनिका रंडी है
ReplyDeleteभाई हम भी धुलवाने को तैयार हैं. धोयीगी क्या? क्या चार्ज लगेगा ?
ReplyDeleteमहफूज तो साला भांड है. अब एक भांड पुरुषों में तो बैठने से रहा. महिलाओं में ही बैठेगा
ReplyDeleteक्या यही इस्लाम है हिन्दू लड़कियों पर डोरे डालना
ReplyDeleteमहफूज को क्यों कुछ कहते हो भाई- अगर कोई "मोनिका" जैसी खुद दूकान लगाकर बैठी हो तो महफूज का क्या दोष.
ReplyDeleteमहफूज तुम्हारी माँ नहीं बहन तो होगी-कोई उसको पटाये तो तुमको केसा लगेगा ? क्या कोई उसके साथ फ्लर्ट करे तो तुमको केसा लगेगा ?
ReplyDeletemamala ek rndi or uske grahak ka lagta he
ReplyDeleteआजकल वेश्यावृति हाई प्रोफाइल हो गयी है . दिन में ऑफिस में ही सब "सेटिंग" हो जाती है
ReplyDelete@Ayesha Ali
ReplyDeletebahan monika jaision ne ladkiyon ko badnam kar rakha he
महफूज किस-किसकी धोता है और मोनिका जैसी महिलाओं से क्या-क्या धुलवाता है ? इसमें मेरी कोई रुचि नही है. यहाँ बात हो रही है ब्लोग जगत के हीरो की. क्या महफूज जैसा कोई भी सड़कछाप ब्लोग जगत का हीरो हो सकता है ?
ReplyDeletesahmat hen ji
Anonymous said...
ReplyDeleteआजकल वेश्यावृति हाई प्रोफाइल हो गयी है . दिन में ऑफिस में ही सब "सेटिंग" हो जाती है
sahmat hen ji
महफूज हाई प्रोफाइल---- के साथ देखा गया हे
ReplyDelete@Anonymous
ReplyDeleteमहफूज हाई प्रोफाइल---- के साथ देखा गया हे
mahfooj ko ab test badalne do, daktarni se bor ho giya hoga. apko kya presani he
महिलाओं के पिछवाड़े दुम हिलाने के अलावा महफूज के पास कोई काम नही है क्या
ReplyDeleteमुल्लाओं के दो ही काम होते हैं-एक अपने धर्म का प्रचार करना, जो मुला ब्लोगर कर रहे हैं
ReplyDeleteदूसरा काम- हिन्दुओं महिलाओं को फंसाना, जो महफूज कर रहा है. हिन्दू महिलाओं को फंसाने को "हीरोगिरी" समझता है. साले हिन्दू ब्लोगर भी अपनी ही बहनों को फंसाने वाले को कुछ नही कहते.
मुल्लाओं के दो ही काम होते हैं-एक अपने धर्म का प्रचार करना, जो मुला ब्लोगर कर रहे हैं
ReplyDeleteदूसरा काम- हिन्दुओं महिलाओं को फंसाना, जो महफूज कर रहा है. हिन्दू महिलाओं को फंसाने को "हीरोगिरी" समझता है. साले हिन्दू ब्लोगर भी अपनी ही बहनों को फंसाने वाले को कुछ नही कहते.