(भारतीय कश्मीर का है ये आतंकी, अमजद बट)
मुझे अल्लाह और अल्लाह के रसूल की बातें बताईं. मैंने सुन कर कहा कि ये लोग तो बिल्कुल ठीक बातें करते हैं. मुझे भी अल्लाह और अल्लाह के रसूल के हुकुमों पर चलना चाहिए. फिर मैं उनके साथ चला गया. मैं उनके साथ अफ़ग़ानिस्तान चला गया जहां एक सूबे में हमारी ट्रेनिंग हुई. हम तीन आदमी थे. अजमल बट, अलक़मा भाई और तीसरा मैं यानी अमजद बट. अलक़मा भाई कश्मीर में शहीद हो गए. हम तीन लड़के जब उधर गए तो हमारे ख़ानदान के सारे लड़के कहने लगे कि ये लोग तो अल्लाह के रास्ते पर निकल गए हम कहीं उनसे पीछे न रह जाएं.
हमारे जाते ही हमारे गांव के 50 लड़के हमारे पीछे आ गए जिनमें कई मेरे ख़ानदान के अलावा कई और बिरादरी के लोग भी शामिल थे. पूरे गांव के 50 लोगों ने जाकर सूबा कूनन में ट्रेनिंग ली. हम वहां से कश्मीर चले गए और फिर वहां हमें बॉर्डर कार्रवाई का सौभाग्य मिला.
हमने रॉकेट फ़ायर किए जिनमें सात हिंदू मरे थे. हमारी (पाकिस्तानी) फ़ौज का काम है कि वह उन्हें रोके. जब वह नहीं रोकती है तो हमें रोकना पड़ता है”.
क्या इस्लाम हिंदुओं और गैर इस्लामिकों का कत्ल करना है???
क्या इस्लाम सिर्फ़ दहसतगर्दी है???
क्या इस्लाम मे मुल्कपरस्ति (माँ) नही है???
क्या यही इस्लाम है, अल्लाह है???
संपूर्ण विश्व इस इस्लामिक आतंकवाद से त्रस्त हो गया है और इसे देखने से यही लगता है कि आतंकवाद हीं इस्लाम है|
अब समय आ गया है क़ि हिंदू भी अपनी मातृभूमि एवम् हिंदुत्व की रक्षा के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण को छोड़ें| जब ये खुलेआम हिंदुओं को मरने की बात करतें है तो हम क्यों नही? हमें अपनी एवम् अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद आगे आना होगा, देश के राजनेता अपनी सत्ता बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है| आज़ादी से लेकर आज तक हिन्दुस्तान की इस हालात के लिए इनकी और हमारी मुस्लिम तुस्टिकरण ही जम्मेदार है, नही तो अखंड भारत के तरफ देखने की ताक़त किसी मे नही होती|
मैं गर्व से कहता हूँ क़ि हिंदू हूँ, कोई उग्रवादी नही| हमें देशभक्ति आती है गद्दारी नही|