Monday, June 14, 2010

मुसलमानों का नया रसूल : मौलाना कदीर





मुसलमान मुहम्मद को आखिरी रसूल मानते हैं.और कहते हैं किभविष्य में कोई रसूल या पैगम्बर नहीं आयेगा ,और न अल्लाह कोई नया रसूल भेजेगा


रसूल शब्द अरबी के र स ल शब्द से बना है जिसका अर्थ है भेजा गया ,या जिसे भेजा गया हो. इसलिए मुसलमान मुहम्मद को अल्लाह के द्वारा भेजा गया व्यक्ति मानते हैं,जो अल्लाह के आदेशों का पालन करे और लोगों से करवाए..जो भी मुहम्मद के बाद रसूल होने की बात करता है मुसलमान उसे काफिर घोषित कर देते है.मुस्लिम देशों में इसकी सजा म्रत्युदंड दी जाती है .


लेकिन पिछले चुनाव में महाराष्ट्र के संभाजी नगर से राष्ट्रीय कांग्रेस के उमीदवार मौलाना कदीर ने अपने चुनावी पर्चों में कहा कि अल्लाह ने मुझे भेजा है, ताकि मैं हिन्दुओं का नामोनिशान मिटा दूँ .यह पर्चे सारे औरंगाबाद में बांटे गयी और चिपकाए गए थे..पर्चे का पूरा मजमून इस प्रकार है -


"अमानुल्ला का ज़माना फिर से लाना है ,हिन्दुओं का नामोनिशान मिटाना है ,मुझे अल्लाह ने भेजा है ,और्ग की जमीन पर चाँद सितारा लहराना है "


हे इमां वालो आपको आगाह किया जाता है कि मैं सय्यद अब्दुल कादिर मौलाना कांग्रेस राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से १०७ औरंगाबाद मध्य के उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव में खडा हूँ,आप बखूबी जानते हैं कि ईमानवालों की हिफाजत के लिए मेरे जैसे उम्मीदवार की सख्त जरूरत है .इसलिए वो मुसलमानों की हिफाजत करे और उनके हुकूक का ख्याल करे.मेरे कामों से आप लोग वाकिफ हैं.इसलिए मैं तहे दिल से आपसे दरख्वास्त करता हूँ कि आप मुझे ही अपना कीमती वोट दें.


मैं तुम्हें यकीन दिलाता हूँ कि इस्लाम पर गैर मुसलमानों की तरफ से जो मुसीबातें आन पड़ती हैं उसका मुकाबला करने के लिए और अपनी ताकत बढ़ने के लिए आप मेरी गुजारिश का ख्याल करके किसी दूसरे को वोट देने की गलती न करें."


बड़े ताजुब की बात यह है कि इस पर्चे को पढ़ कर मुसलमान चुप बैठे रहे.क्योंकि अगर किसी हिन्दू ने ऐसा पर्चा बांटा होता तो मुसलमान जमीन आसमां एक करा देते.इसमे हिन्दुओं को मिटाने बात है .मुसलमान यही तो चाहते है .वे तो सिर्फ हिदुओं पर भद्काऊ भाषण देने के आरोप लगाने के आदी हैं आजकल उनके साथ औरतें भी शामिल हो गयीं हैं .जो अपने ब्लोगों में हिन्दुओं पर अनापशनाप आरोप लगाती रहतीं हैं.


और कोई प्रगतिशील महिला इन कट्टर लोगोंके खिलाफ लिखती हैं सारे तालिबानी विचार वाले उसके खिलाफ लाम बंद हो जाते हैं


लेकिन कोई सच्चाई का मुंह बंद कर सकता

4 comments:

  1. सादर वन्दे !
    इस अक्ल के अंधे की तरह ब्लाग जगत में भी कुछ आतंकवादी घुस आये हैं और सारा माहौल ख़राब कर रहे हैं, लोगों को धमकी दे रहे हैं | लेकिन ये नहीं जानते की यहाँ उनको ईंट का जबाब पत्थर से नहीं बल्कि उन्हें उन्ही के अंदाज में घसीट-घसीट ............. मिलेगी, और ये हो भी रहा है | अगर ये नहींमाने तो इससे बत्तर भी होगा |

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  2. सच का आइना दिखाने वाला कोई तो आया

    Islam = Sex+Terrorism

    -इस्लाम अय्याशी (चार निकाह, जन्नत में 72 हूरें) और आतंक (जिहाद) का पाठ पढाता है

    -ये लोग अपनी बहनो को भी नहीं छोडते, उनसे निकाह करके बिस्तर में ले जाते हैं

    -कोई मुसलमान हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दे तो उसे मजहब से निकाल देते हैं

    -हिन्दू धर्म ग्रथों को जलाना, मन्दिरों को तोडना, देवी-देवताओं के अश्लील चित्र बनाना, उनके बारे में अपशब्द बोलना इनकी घृणित मानसिकता का प्रमाण है

    -हिन्दुओं को मिटाने या मुसलमान बनाने पर इनको जन्नत रूपी अय्याशी का अड्डा मिलता है

    -मुसलमान (ना)मर्दों को बुरका बहुत भाता है, क्योंकी बुरके में छिपकर ये "बहुत कुछ" करते हैं

    - मुसलमान फर्जी नामों का बुरका पहनकर भौंकते फिरते रहते हैं
    -कुल मिलाकर इस्लाम (ना)मर्दों का मजहब है

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  3. बडे विस्मय की बात है कि ऎसे व्यक्ति को चुनाव लडने के लिए टिकट कैसे दे दिया...ओर उसके बाद इस प्रकार के भडकाऊ चुनाव प्रचार के बाद भी उस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं, न ही किसी ओर से कोई विरोधी स्वर सुनाई दिया...सचमुच हैरानी की बात है.

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  4. चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

    सदा बहार सजीला है रसूल मेरा
    हो लाखपीर रसीला है रसूल मेरा
    जहे जमाल छबीला है रसूल मेरा
    रहीने इश्क रंगीला है रसूल मेरा

    चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

    किसी की बिगड़ी बनाना है ब्याह कर लेंगे
    बुझा चिराग जलाना है ब्याह कर लेंगे
    किसी का रूप सुहाना है ब्याह कर लेंगे
    किसी के पास खजाना है ब्याह कर लेंगे

    चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

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