साभार राहुल पंडित गुरु नानक देव जी
मुसलमान सैय्यद , शेख , मुगल पठान आदि सभी बहुत निर्दयी हो गए हैं । जो लोग मुसलमान नहीं बनते थें उनके शरीर में कीलें ठोककर एवं कुत्तों से नुचवाकर मरवा दिया जाता था ।
नानक प्रकाश तथा प्रेमनाथ जोशी की पुस्तक पैन इस्लाममिज्म रोलिंग बैंक पृष्ठ ८०
dekho jara kamine jabab nahi de rahe hain, napasand ka chataka laga rahe hain, inaki gand par lat maro to ye aise hi bhag khade hote hain
ReplyDeleteसिख इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा हुआ है...
ReplyDeleteBahut hi acchi khabar , lekin aap kitab ka link bhi dete. ya kitab ke bare main puri jankari.
ReplyDeleteLekin ek bat samajh main nahi aati hai ki Dharm Parivartan karke logo ko kya milta hai.
Sare muslim desh to khud hi Shiya aur Sunni ke chakkar main pareshan hai.
इन कातिलों से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है।
ReplyDeleteचमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
ReplyDeleteबलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके
सदा बहार सजीला है रसूल मेरा
हो लाखपीर रसीला है रसूल मेरा
जहे जमाल छबीला है रसूल मेरा
रहीने इश्क रंगीला है रसूल मेरा
चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके
किसी की बिगड़ी बनाना है ब्याह कर लेंगे
बुझा चिराग जलाना है ब्याह कर लेंगे
किसी का रूप सुहाना है ब्याह कर लेंगे
किसी के पास खजाना है ब्याह कर लेंगे
चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके