Wednesday, June 9, 2010

इस्‍लाम का संदेश - आतंक मचाओ हूर मिलेगी

साभार महाशक्ति

 इस्‍लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है यह मेरा कहना नही है किन्‍तु जब इस्‍लाम से सम्‍बन्धित ग्रंथो का आध्‍ययन किया जाये तो प्रत्‍यक्ष रूप ये यह बात सामने आ ही जाती है। कि घूम फिर कर अल्‍लाह को खुश करने के लिये जगह पर आंतक फैलाने और उनके अनुयायियों खुश करने के लिये सेक्‍स की बात खुल कर कही जाती है।




इस्लाम के पवित्र योद्धाओ (आतंकियो) को यौन-सुखों और भोगविलास के असामान्य विशेषाधिकार दिए गए हैं। यदि वे लड़ाई के मैदान में जीवित रह जाते हैं तो उनके लिए गैर-मुसलमानों की स्त्रियाँ रखैलों के रूप में सुनिश्चित हो जाती हैं। लेकिन यदि वे युद्ध के मैदान में मारे जाते हैं तो वे हूरियों से भरे 'जन्नत' के अत्यन्त विलासिता पूर्ण वातावरण में निश्चित रूप से प्रवेश के अधिकारी हो जाते हैं। अल्‍लाह को खुश करने के लिये कई जगह मुर्तिपूजको तथा गैर-मुसलमानों की संहार योजना में भाग लेने के बदले में यौन-सुखों के प्रलोभनों का वायदा किया जाता है जैसे कि



यदि वह (आतंक फैलाने वाला ) युद्ध भूमि की कठिन परिस्थितियों मारा गया तो उसे 'जन्नत' में उसकी प्रतीक्षा कर रहीं अनेक हूरों के साथ असीमित भोगविलासों एवं यौन-सुखों का आनंद मिलेगा, और यदि वह जीवित बचा रहा तो उसको 'गैर-ईमान वालों' के लूट के माल, जिसमें कि उनकी स्त्रियाँ भी शामिल होंगी, में हिस्सा मिलेगा।


इन आतंकियो को कितनी अच्‍छी तरह से हूरो का लालच दे कर बरगलाया जा रहा है हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ.(35-40) में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन इस प्रकार है




•हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है। उसकी हड्डियों में बहने वाला द्रव्य इसी प्रकार दिखाई देता है जैसे रूबी और मोतियों के अंदर की रेखाएँ दिखती हैं। वह एक पारदर्शी सफेद गिलास में लाल शराब की भाँति दिखाई देता है।


•उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है।


•प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है। उसके उरोज उन्नत, गोल और बडे होते हैं जो झुके हुए नहीं हैं। हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं।


•हूर यदि 'जन्नत' में अपने आवास से पृथ्वी की ओर देखे तो सारा मार्ग सुगंधित और प्रकाशित हो जाता है।


•हूर का मुख दर्पण से भी अधिाक चमकदार होता है, तथा उसके गाल में कोई भी अपना प्रतिबिंब देख सकता है। उसकी हड्डियों का द्रव्य ऑंखों से दिखाई देता है।


•प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको 72 हूरें दी जाएँगी। जब वह 'जन्नत' में प्रवेश करता है, मरते समय उसकी उम्र कुछ भी हो, वहाँ तीस वर्ष का युवक हो जाएगा और उसकी आयु आगे नहीं बढ़ेगी।
 
अब भई अब जब हूर इतनी खूब होगीं तो कोई क्‍यो न अल्‍लाह के लिये मरने को तैयार होगा, इन आतंकियो का यही मकसद होता है कि घरती पर उनके विलास के लिये अल्‍लाह द्वारा दिया गया मसौदा तो तैयार ही है और जन्‍नत में भी हूरे उनका इन्‍जार कर रही है। सोने पर सुहागा




हदीस तिरमिज़ी खंड-2 (पृ.138) करती है कि ''जन्नत में एक पुरुष को एक सौ पुरुषों के बराबर कामशक्ति दी जाएगी'' :) जैसे जन्‍नत में थोक के भाव वियाग्रा की फैक्‍ट्री लगी है। क्या इसके बाद भी यौन-सुखों के लिए आकर्षित करने वाले प्रलोभनों और प्रमाणों को देने की आवश्यकता रह जाती है जो कि इस्लाम अपने जिहादी योद्धाओ को प्रेरित करने के लिए प्रस्तुत करता है?

9 comments:

  1. -Islam = Sex+Terrorism

    -इस्लाम अय्याशी (चार निकाह, जन्नत में 72 हूरें) और आतंक (जिहाद) का पाठ पढाता है

    -ये लोग अपनी बहनो को भी नहीं छोडते, उनसे निकाह करके बिस्तर में ले जाते हैं

    -कोई मुसलमान हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दे तो उसे मजहब से निकाल देते हैं

    -हिन्दू धर्म ग्रथों को जलाना, मन्दिरों को तोडना, देवी-देवताओं के अश्लील चित्र बनाना, उनके बारे में अपशब्द बोलना इनकी घृणित मानसिकता का प्रमाण है

    - हिन्दुओं को मिटाने या मुसलमान बनाने पर इनको जन्नत रूपी अय्याशी का अड्डा मिलता है

    -मुसलमान (ना)मर्दों को बुरका बहुत भाता है, क्योंकी बुरके में छिपकर ये "बहुत कुछ" करते हैं

    - मुसलमान फर्जी नामों का बुरका पहनकर भौंकते फिरते रहते हैं

    -कुल मिलाकर इस्लाम (ना)मर्दों का मजहब है

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  2. स्वयं मुस्लिमों को ही आगे आकर कुरीतियों से लड़ना होगा..

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  3. भाई सभी या कहो अधिकतर अगर जन्‍नत की 1 बार बात करते हैं तो 99 बार जहन्‍नुम के अजाब की बात करते हैं, हमारी खाहिश होती है कि बस जहन्‍नुम में न जाये यानि अल्‍लाह जो इम्‍तहान लेता है बस उसमें पास हो जायें हम लोग इतने गुनहगार हो चुके जन्‍नत की न सोच के बस दोजख से बच जायें हर समय यही सोचते रहते हैं

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  4. kuch kah nahi sakte sir, hamare dharm me bhi sex ka alg se devta hai(kaamdev).Indra bhagwan ki bhog bilasta ka bhi bykhan hai.baaki sir agar aajkal us jahrili gas ke baare likha jaye/ jisne bhopal me, hindu dekha na muslmaan sabkomaar diya.to acha hoga.

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  5. i think sir aap meri post publish nahi karenge sayad.

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  6. @anoop
    यह बात मुस्लमान ब्लोगरों को क्यो नहीं समझाते जो हिन्दू देवी-देवताओ के बारे में अश्लील बाते करते हैं- पहले इनके ब्लोगों को पढ़कर आओ- सेकुलर लोगो ने ही गद्दार मुसलमानों के साथ मिलकर कश्मीर से हिन्दुओ का भगा दिया

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  7. चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

    सदा बहार सजीला है रसूल मेरा
    हो लाखपीर रसीला है रसूल मेरा
    जहे जमाल छबीला है रसूल मेरा
    रहीने इश्क रंगीला है रसूल मेरा

    चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

    किसी की बिगड़ी बनाना है ब्याह कर लेंगे
    बुझा चिराग जलाना है ब्याह कर लेंगे
    किसी का रूप सुहाना है ब्याह कर लेंगे
    किसी के पास खजाना है ब्याह कर लेंगे

    चमन में होने दो बुलबुल को फूल के सदके
    बलिहारी जाऊँ मै तो अपने रसूल के सदके

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  8. मित्र आपको लेख पंसद आया और आपने इसका उद्धरण किया बहुत अच्‍छा लगा, यह लेख अरूण जी ने नही लिखा है अरूण जी महाशक्ति ब्‍लाग पर अतिथि लेखक है। आशा है कि आप इसी प्रकार सत्‍कार्यो मे लगे रहेगे।

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